
बोल्ड फिल्में या ‘देसी सॉफ्टपॉर्न’? चुपके-चुपके पनपे एडल्ट कंटेंट वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म!
ओटीटी
आज ‘ऑल्ट बालाजी’ का युग है. ‘गंदी’ फिल्मों को अब ‘इरॉटिक कंटेंट’ कहा जाने लगा है ,एक से बढ़कर एक ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं, जिनके जरिए ये बेहद आसानी से टीवी, कम्प्यूटर से लेकर स्मार्टफोन की स्क्रीन तक पर उपलब्ध हैं. सामाजिक स्वीकार्यता पहले से काफी ज्यादा है, इसलिए एक ही ओटीटी पर मौजूद विभिन्न आयुवर्ग के कंटेंट घर के ड्रॉइंग रूम से लेकर बेडरूम तक में अलग-अलग देखे जा रहे हैं. हालांकि, नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम और ऑल्ट बालाजी जैसे बहुचर्चित नामों के बीच कुछ अनजान से ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और ऐप्स ने भी बीते कुछ वक्त में तेजी से जगह बनाई है. फ्लिज़ मूवीज, हॉटशॉट डिजिटल एंटरटेनमेंट्स, 8शॉट्स, एम प्राइम, गुपचुप, कुकू, फेनेओ मूवीज, सिनेमा दोस्ती कुछ ऐसे ही नाम हैं. इन प्लेटफॉर्म्स पर ‘देसी’ इरॉटिक कंटेंट की भरमार है. इन पर मौजूद फिल्मों और ‘वेब सीरीज’ के नामों की बानगी देखिए- माया, भाभी गरम, डर्टी स्टोरीज, लवली गर्ल, लव इन लॉकडाउन, पति पत्नी और वो, ओपन मैरिज…. 90 के दशक में जवान हुए हैं तो ऐसे नाम एक बारगी आपको नॉस्टालजिक कर सकते हैं.

इन फिल्मों और कथित वेब सीरीज में पहचान बनाने के लिए जद्दोजहद करते ‘डेयर टु बेयर’ जनरेशन के कलाकारों की पूरी फौज काम कर रही है. बोल्ड दृश्यों में ये कलाकार बेहद सहज से नजर आते हैं. दिलचस्प बात यह भी है कि इन फिल्मों और वेब सीरीज का फेसबुक, टि्वटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर जोर शोर से प्रचार किया जाता है. हालांकि, यहां अपलोड टीजर और ट्रेलर जब आप देखेंगे तो आपको शायद ही ऐहसास हो कि इन फिल्मों में असल में कैसी सामग्री पेश की जा रही है. जब इन प्लेटफॉर्म्स के असल कंटेंट को देखेंगे तो दूसरा वर्जन दिखेगा. साफ है कि निगरानी से बचने के लिए बड़े मंचों पर इनके प्रमोशन के दौरान सावधानी बरती जाती है. वहीं, ऐसी फिल्मों में काम करना अब नवोदित अभिनेत्रियों के लिए शर्म या संकोच की बात नहीं रही. ये दर्शकों से सोशल मीडिया पर रूबरू होती हैं और बाकायदा इनके इंट्रोडक्शन के वीडियोज भी अपलोड किए जाते हैं. इसकी कुछ बानगी नीचे है.

हालांकि, इस बीच, इन फिल्मों को बनाने वाले और इनमें काम करने वाले लोगों के सामने नया संकट पैदा हो गया है. इन इरॉटिक कंटेंट ने पॉर्न वेबसाइटों पर जगह बना ली है. पॉर्न वेबसाइट्स पर इन्हें ‘इंडियन वेब सीरीज’ के नाम से अपलोड किया जा रहा, जिनको देखने वालों की तादाद लाखों में है. जाहिर है, इससे इन कंटेंट को तैयार करने वालों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है. वहीं, समुचित निगरानी से बाहर चल रहे इस बिजनेस की वजह से अब इन वेब सीरीज में काम करने वाले कलाकारों पर भी साइड इफेक्ट दिखने लगा है. मध्य प्रदेश के इंदौर में हाल ही में कथित तौर पर पॉर्न फिल्म बनाने वाले एक रैकेट का खुलासा हुआ. आरोप है कि वेब सीरीज में लॉन्च करने का झांसा देकर इंदौर की एक मॉडल का यौन उत्पीड़न किया गया. पीड़िता के मुताबिक, वेब सीरीज में काम दिलवाने के बहाने कुछ बोल्ड सीन शूट किए. बताया गया कि इसे कांट-छांट के बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जाएगा, लेकिन हुआ उल्टा. पीड़िता का कहना है कि पूरा का पूरा वीडियो पॉर्न वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया
मॉनिटरिंग और कानूनी खामियों की वजह से भी इन इरॉटिक कंटेंट परोसने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में तेजी आई है. साल 2000 में आए सूचना प्रौदयोगिकी कानून में अश्लील कंटेंट और पोर्नोग्राफी को लेकर कुछ प्रावधान तो हैं, लेकिन इनके तहत कार्रवाई करने को लेकर कानूनी एजेंसियां अक्सर उदासीन ही रहती है. ऐसे में, इन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को पूर्णतया नियंत्रित करने के लिए ठोस और स्पष्ट कानूनी प्रावधान नहीं हैं. सरकार इनको नियंत्रित करने के लिए जरूरी कानून अभी तक नहीं ला पाई है.
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