वर्धा से उसके दोनों सौतेले भाई-बहन नफरत करते हैं. दोनों अपने पिता की राज गद्दी चाहते हैं. लेकिन खानसार में सिर्फ रुद्रा और राधा ही नहीं हैं, जो खानसार पर राज करने का सपना देख रहे हैं. इस रेस में रंगा, नारंग, भारवा और खुद वर्धा भी शामिल है. वर्धा की दोस्ती देवरथ से है, जिसे वो प्यार से देवा (प्रभास) बुलाता है. देवा और वर्धा के बीच दोस्ती की एक अटूट दीवार है. देवा, वर्धा के लिए कुछ भी कर सकता है. बचपन में वर्धा की नथुनी, जिसे मन्नार परिवार की इज्जत की निशानी के रूप में देखा जाता है, को उसे वापस दिलाने के लिए देवा ने एक बड़े पहलवान को धूल चटा दी थी. तो वहीं देवा के लिए वर्धा ने कुछ ऐसा किया, जिसकी वजह से उसके पिता ने उसे घर और राजगद्दी की रेस दोनों से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया.