अयोध्या में होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह से 2 दिन पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता मिला है. उन्हें स्पीड पोस्ट के माध्यम से निमंत्रण पत्र मिला है. इससे पहले उद्धव को समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया, जिसके चलते शिवसेना (उद्धव गुट) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आलोचना की थी. हालांकि, अब डाक के जरिए निमंत्रण भेजे जाने पर भी पार्टी ने नाराजगी जताई है. इस संबंध में संजय राउत ने कहा कि भगवान राम उन्हें इसके लिए श्राप देंगे. उन्होंने ने कहा, “आप मशहूर हस्तियों और फिल्मी सितारों को विशेष निमंत्रण दे रहे हैं, जबकि उनका राम जन्मभूमि से कोई लेना-देना नहीं है.” ‘भगवान राम नहीं करेंगे माफ’ हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक राउत ने कहा, “आप (बीजेपी) ठाकरे परिवार के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. ठाकरे परिवार ने राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. भगवान राम आपको क्षमा नहीं करेंगे और इसके लिए वह आपको श्राप देंगे. आप भगवान राम से प्रार्थना कर रहे हैं और रावण की तरह सरकार चला रहे हैं.” मंदिर जाने के लिए निमंत्रण की जरूरत नहीं- उद्धव ठाकरे इससे पहले निमंत्रण न मिलने पर उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उन्हें राम मंदिर जाने के लिए निमंत्रण की आवश्यकता नहीं है और वह पहले भी कई बार वहां जा चुके हैं. इस दौरान उन्होंने मांग उठाई कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह पीएम मोदी के बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए. राम मंदिर उनके पिता बालासाहेब ठाकरे का सपना था. ‘मैं अंधभक्त नहीं’ उन्होंने मंदिर के निर्माण पर खुशी जताई. हालांकि, उन्होंने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि भगवा पार्टी ने इस आयोजन पर कब्जा कर लिया है. ठाकरे ने कहा था, “मैं राम भक्त हूं, देश भक्त हूं, अंध भक्त नहीं. राम मंदिर का निर्माण मेरे पिता का सपना था.” उद्धव ने 22 जनवरी को अपनी पार्टी की योजना की घोषणा करते हुए कहा कि वह नासिक के कालाराम मंदिर में उसी समय पूजा करेंगे जब पीएम मोदी राम मंदिर का उद्घाटन कर रहे होंगे.